Thursday, September 15, 2011

ज़मीन से आसमान तक


ज़मीन से आसमान तक जाने के तो हजारों किस्से हैं लेकिन यह किस्सा उसमें खास है। भारत का एक कारोबारी जो आज सारी दुनिया में हलचल मचा रहा है, दरअसल लोहे के कबाड़ बेचता था। उसने कॉलेज का मुंह तक नहीं देखा था।



जी हां, आज वही शख्स बिज़नेस की दुनिया में नए-नए मुकाम बनाता जा रहा है। उसने कई ऐसे काम किए हैं और उद्योग लगाए हैं जिससे उसकी कुल दौलत 6.4 अरब डॉलर से भी ज्यादा है। जी हां, आपने सही समझा, ये हैं वेदांत समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल। आज वेदांत समूह बहुराष्ट्रीय कंपनी केयर्न के भारत में 40 शेयर खरीदने की तैयारी में है। इस सौदे के बाद वेदांत समूह भारत ही नहीं दुनिया के सबसे बड़े समूहों में शामिल हो जाएगा।



अनिल अग्रवाल के पास अपने विमान हैं, दुनिया के कई शहरों में ऑफिस हैं लेकिन एक समय था कि उनके पास एक साइकिल खरीदने के पैसे भी नहीं थे। उनके पिता ने जब उन्हें साइकिल खरीदकर दी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आज भी वह उस साइकिल को भूलते नहीं है। उन्होंने एक सामाचार पत्र को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि साइकिल पाना मेरी जिंदगी का सबसे खुशनुमा दिन था।

ज़मीन से आसमान तक जाने के तो हजारों किस्से हैं लेकिन यह किस्सा उसमें खास है। भारत का एक कारोबारी जो आज सारी दुनिया में हलचल मचा रहा है, दरअसल लोहे के कबाड़ बेचता था। उसने कॉलेज का मुंह तक नहीं देखा था।



जी हां, आज वही शख्स बिज़नेस की दुनिया में नए-नए मुकाम बनाता जा रहा है। उसने कई ऐसे काम किए हैं और उद्योग लगाए हैं जिससे उसकी कुल दौलत 6.4 अरब डॉलर से भी ज्यादा है। जी हां, आपने सही समझा, ये हैं वेदांत समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल। आज वेदांत समूह बहुराष्ट्रीय कंपनी केयर्न के भारत में 40 शेयर खरीदने की तैयारी में है। इस सौदे के बाद वेदांत समूह भारत ही नहीं दुनिया के सबसे बड़े समूहों में शामिल हो जाएगा।



अनिल अग्रवाल के पास अपने विमान हैं, दुनिया के कई शहरों में ऑफिस हैं लेकिन एक समय था कि उनके पास एक साइकिल खरीदने के पैसे भी नहीं थे। उनके पिता ने जब उन्हें साइकिल खरीदकर दी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आज भी वह उस साइकिल को भूलते नहीं है। उन्होंने एक सामाचार पत्र को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि साइकिल पाना मेरी जिंदगी का सबसे खुशनुमा दिन था।

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